क्यों हमसे छुपाया गया!!! 1830 में ही खोज लिया था एक ऐसा Vitamin जो कैंसर को बड़ी आसानी से ख़त्म कर सकता है

क्यों हमसे छुपाया गया!!! 1830 में ही खोज लिया था एक ऐसा Vitamin जो कैंसर को बड़ी आसानी से ख़त्म कर सकता है



Alternative cancer treatment in hindi
क्या वाकई vitamin B17 की कमी से होता है कैंसर? क्या वाकई ऐसा कोई vitamin है जो कैंसर को खत्म कर सकता है? क्यों हमसे छुपाया गया जब 1830 में ही खोज लिया गया था कैंसर का इलाज ? एक ऐसी थेरेपी जिसने 30 साल तक कैंसर को सिर्फ छोटी मोटी एक आम सी बीमारी बना कर रखा!!! फिर क्यों ये रोग बन गया आज मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन!!! आज आपको Only Ayurved में इस विषय पर विस्तार से बताएँगे श्री बलबीर सिंह जी शेखावत और चेतन सिंह जी, और इस पोस्ट पर चर्चा करने के लिए इनके नंबर भी नीचे दिए गएँ हैं, सिर्फ मरीज ही इस पर चर्चा करें. तो आइये जाने.
cancer treatment with vitamin B17
आपको जानकार हैरानी होगी के आधुनिक विज्ञान ने ये अदभुत जानकारी सन 1830 में मिल गयी थी के Vitamin B17 या कहें के Amygdalin ऐसे अनेक फलों की गुठलियों के बीजों के अन्दर पाया जाता है, जो के कैंसर को खत्म करने की शक्ति रखते हैं.  इसको फ्रेंच वैज्ञानिक Roubiqet और Bontron ने खोज किया था और इसका सर्वप्रथम इस्तेमाल सन 1845 में इसको कैंसर थेरेपी में किया गया. इसको Medically सर्वप्रथम Inosmetzeff ने उपयोग किया. उन्होंने जिस 21 वर्षीय लड़के और 48 वर्षीय औरत पर सर्वप्रथम इसका 3 महीने तक इसका उपयोग किया गया वो बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के ठीक हुयी थी. और ये जानने के लिए के कहीं दोबारा तो कैंसर नहीं हुआ उनको 11 सालों के बाद जांचा गया तो उनको किसी प्रकार का कोई कैंसर या कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं पाया गया.
सन 1950 में Krebs नामक वैज्ञानी ने इसकी synthetic form “Laetrile” तैयार की, जिसको काफी अधिक मात्रा में Medically इस्तेमाल किया गया, और इसके बेहद आश्चर्यजनक परिणाम मिले. इसको सन 1980 तक इस पद्धति का इस्तेमाल होता रहा और इसका सफलता अनुपात 90 प्रतिशत से ज्यादा रहा. इसका उल्लेख डॉक्टर Haroid. W. Manner ने अपनी किताब Death Of Cancer में बताया है. और 1980 में कैंसर के इलाज की इस अनोखी पद्धति को US Govt. और FDA ने इसको बंद कर दिया. और कहा के इसके बहुत ज्यादा साइड इफ़ेक्ट हैं. अभी आप जान सकते हैं के वो क्या कारण हो सकते हैं जिस कारण से इसको बंद करवाया गया.
मशहूर वैज्ञानिक Krebs और Resercher James South के अनुसार Vitamin B17 या Amygdalin या Laetrile में मुख्य 4 प्रकार के अणु पाए जाते हैं
2 ग्लूकोस के अणु1 Cynide का अणु1 Benzaldehyde का अणु
कैंसर की कोशिका Amygdalin को अपनी तरफ आकर्षित करती है क्यूंकि Amygdalin में Glucose पाया जाता है, और कैंसर कोशिका जीवित रहने के लिए उर्जा के रूप में glucose की आवश्यकता होती है. जब ये Amygdalin (Laetrile) कैंसर की कोशिका में जाता है तो वहां पर मौजूद एंजाइम Beta Glucosidase (जो के सिर्फ कैंसर कोशिका में पाया जाता है) Amygdalin (Laetrile) को तोड़कर Glucose, Cynide और Benzaldehyde में बदल देता है, इनमे Cynide ion जो एक प्रकार का ज़हर है वो कैंसर की कोशिका को ख़त्म कर देता है, और Benzaldehyde एक प्रकार के दर्द निवारक की तरह काम करता है. जबकि सामान्य कोशिका में मुख्यतः Rhodanase नामक एंजाइम पाया जाता है जो Cynide के असर को समाप्त कर देता है क्यूंकि ये Cynide को Thiocynate में बदल देता है.जोकि सामान्य कोशिकाओ को नुकसान नहीं पहुंचाता और Rhodonase benzaldehyde को बेन्जोइक एसिड में बदल देता है जो सामान्य कोशिकाओ के लिए पोषक तत्व है. 
Resercher James South के अनुसार कैंसर कोशिकाओ में beta Glucosidase का पाया जाना vitamin B17 को cyanide और Benzaldehyde में बदल देता है जो कैंसर कोशिकाओ के खत्म होने का कारण बनता है जबकि सामान्य कोशिकाओ में Beta Glucosidase नहीं पाया जाता है इसलिए Amygdalin या  Vitamin B17  सामान्य कोशिकाओ में नहीं टूट पाता.
फ़िर भी अगर आसपास के cancer कोशिकाओ से cyanide और benzaldehyde सामान्य कोशिकाओ में आ जाता है तो सामान्य कोशिकाओ में पाया जाने वाला  Rhodanase एंजाइम cyanide को Thiocynate और Benzaldehyde को बेन्जोइक एसिड  में बदल देता है जो सामान्य कोशिकाओ को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता. 
अभी फिलहाल एक डॉक्टर हैं Dr. Francisco Contreras जो Tijuana, Baja California में Oasis Hope Hospital में managing Director हैं. उन्होंने अभी तक 60000 से अधिक रोगियों का Vegetarian Therapy और Vitamin B17 से सफलता पूर्वक इलाज किया.
इस पूरी थ्योरी को समझ कर जो निचोड़ निकलता है वो ये के कैन्सर के रोगी को अगर नियमित Vitamin B17 दिया जाए तो वो इस रोग से बहुत जल्दी निजात पा सकता है. तो आइये जान लेते हैं के कौन कौन से इसके प्राकृतिक स्त्रोत हैं. 
Vitamin B17 Natural Source in hindi
सेब के बीज. (apple Seed)खुबानी के बीज. (Apricot)आडू के बीज (Peach)नाशपती के बीज (pear)आलू बुखारे के बीज. (plum)कद्दू के बीज (pumpkin Seed)अलसी के बीज (flax Seed)
इन बीजों को खाने का तरीका – सेब, खुबानी, आडू, आलू बुखारा इन सबके अन्दर के बीज या गुठली निकाल कर इनको रात को पानी में भिगो दें और सुबह इसको फोड़ कर इसके अन्दर की गिरी जो निकलेगी उसका सेवन करना है, ये दिन में 5 से 10 बीज तक ही खाने हैं. और हर हफ्ते में आप इसकी मात्रा 10 से 15 तक कीजिये. ऐसे धीरे धीरे इनकी मात्रा अपने शरीर की सहन शक्ति के अनुसार इसको बढाते रहें. और नाशपति, बब्बू गोशा जब भी रोगी को खिलाएं तो उसको बीजो के सहित ही खिला दें. कद्दू जिससे आगरे का पेठा बनता है उसके जो बीज आते हैं उनको तो आप ऐसे ही तवे पर सेक कर खा सकते हैं. और 2 चम्मच अलसी को गर्मी में रात को आधा कप पानी में भिगो कर रख दें, और अगले दिन इसको चबा चबा कर खा लें.
इसके अलावा कुछ और स्त्रोत Vitamin B17 के हमारे भोजन में.
बादामराजमासेम की फलीपालकमटरस्ट्रॉबेरी
इसमें बादाम तो रात को भिगो कर ही सुबह खाने हैं, बाकी सब्जियां रोगी की अवस्था के अनुसार थोड़ी थोड़ी खिलाते रहें.

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