कुदरती पदार्थों से करें कब्ज का इलाज::

कुदरती पदार्थों से करें कब्ज का इलाज::



१—कब्ज का मूल कारण शरीर मे तरल की कमी होना है।
पानी की कमी से आंतों में मल सूख जाता है और मल
निष्कासन में जोर लगाना पडता है। अत: कब्ज से परेशान
रोगी को दिन मे २४ घंटे मे मौसम के मुताबिक ३ से ५
लिटर पानी पीने की आदत डालना चाहिये। इससे कब्ज
रोग निवारण मे बहुत मदद मिलती है।
२…भोजन में रेशे की मात्रा ज्यादा रखने से कब्ज
निवारण होता है।हरी पत्तेदार सब्जियों और फ़लों में
प्रचुर रेशा पाया जाता है। मेरा सुझाव है कि अपने
भोजन मे करीब ७०० ग्राम हरी शाक या फ़ल
या दोनो चीजे शामिल करें।
३… सूखा भोजन ना लें। अपने भोजन में तेल और
घी की मात्रा का उचित स्तर बनाये रखें। चिकनाई
वाले पदार्थ से दस्त साफ़ आती है। ४..पका हुआ बिल्व फ़ल
कब्ज के लिये श्रेष्ठ औषधि है। इसे पानी में उबालें। फ़िर
मसलकर रस निकालकर नित्य ७ दिन तक पियें। कज
मिटेगी।
५.. रात को सोते समय एक गिलास गरम दूध पियें। मल
आंतों में चिपक रहा हो तो दूध में ३ -४ चम्मच केस्टर
आईल (अरंडी तेल) मिलाकर पीना चाहिये। ६..इसबगोल
की की भूसी कब्ज में परम हितकारी है। दूध या पानी के
साथ २-३ चम्मच इसबगोल की भूसी रात को सोते वक्त
लेना फ़ायदे मंद है। दस्त खुलासा होने लगता है।यह एक
कुदरती रेशा है और आंतों की सक्रियता बढाता है।
७..नींबू कब्ज में गुण्कारी है। मामुली गरम जल में एक नींबू
निचोडकर दिन में २-३बार पियें। जरूर लाभ होगा।
८..एक गिलास दूध में १-२ चाम्मच घी मिलाकर रात
को सोते समय पीने से भी कब्ज रोग का समाधान
होता है।
९…एक कप गरम जल मे १ चम्म्च शहद मिलाकर पीने से
कब्ज मिटती है। यह मिश्रण दिन मे ३ बार
पीना हितकर है।
१०.. जल्दी सुबह उठकर एक लिटर गरम पानी पीकर
२-३ किलोमीटर घूमने जाएं। बहुत बढिया उपाय है।
११..दो सेवफ़ल प्रतिदिन खाने से कब्ज में लाभ होता है।
१२..अमरूद और पपीता ये दोनो फ़ल कब्ज रोगी के लिये
अमॄत समान है। ये फ़ल दिन मे किसी भी समय खाये
जा सकते हैं। इन फ़लों में पर्याप्त रेशा होता है और
आंतों को शक्ति देते हैं। मल आसानी से विसर्जीत
होता है।
१२..अंगूर मे कब्ज निवारण के गुण हैं । सूखे अंगूर याने
किश्मिश पानी में ३ घन्टे गलाकर खाने से
आंतों को ताकत मिलती है और दस्त आसानी से आती है।
जब तक बाजार मे अंगूर मिलें नियमित रूप से उपयोग करते
रहें।
13..एक और बढिया तरीका है। अलसी के बीज
का मिक्सर में पावडर बनालें। एक गिलास पानी मे २०
ग्राम के करीब यह पावडर डालें और ३-४ घन्टे तक गलने
के बाद छानकर यह पानी पी जाएं। बेहद
उपकारी ईलाज है।
१४.. पालक का रस या पालक कच्चा खाने से कब्ज नाश
होता है। एक गिलास पालक का रस रोज पीना उत्तम
है। पुरानी कब्ज भी इस सरल उपचार से मिट जाती है।
१५.. अंजीर कब्ज हरण फ़ल है। ३-४ अंजीर फ़ल रात भर
पानी में गलावें। सुबह खाएं। आंतों को गतिमान कर कब्ज
का निवारण होता है।
16.. मुनका में कब्ज नष्ट करने के तत्व हैं। ७ नग
मुनक्का रोजाना रात को सोते वक्त लेने से कब्ज रोग
का स्थाई समाधान हो जाता है।
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आयुर्वेदिक दोहे||
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1.जहाँ कहीं भी आपको,काँटा कोइ लग जाय। दूधी पीस लगाइये,
काँटा बाहर आय।।
2.मिश्री कत्था तनिक सा,चूसें मुँह में डाल।
मुँह में छाले हों अगर,दूर होंय तत्काल।।
3.पौदीना औ इलायची,
लीजै दो- दो ग्राम। खायें उसे उबाल कर, उल्टी से आराम।।
4.छिलका लेंय इलायची,दो या तीन गिराम। सिर दर्द मुँह सूजना,
लगा होय आराम।।
5.अण्डी पत्ता वृंत पर, चुना तनिक मिलाय।
बार-बार तिल पर घिसे,तिल बाहर आ जाय।।
6.गाजर का रस
पीजिये, आवश्कतानुसार। सभी जगह उपलब्ध यह,दूर करे
अतिसार।।
7.खट्टा दामिड़ रस, दही,गाजर शाक पकाय। दूर
करेगा अर्श को,जो भी इसको खाय।।
8.रस अनार
की कली का,नाक बूँद दो डाल। खून बहे जो नाक से, बंद होय
तत्काल।।
9.भून मुनक्का शुद्ध घी,सैंधा नमक मिलाय। चक्कर
आना बंद हों,जो भी इसको खाय।।
10.मूली की शाखों का रस,ले
निकाल सौ ग्राम। तीन बार दिन में पियें, पथरी से आराम।।
11.दो चम्मच रस प्याज की,मिश्री सँग पी जाय। पथरी केवल
बीस दिन,में गल बाहर जाय।।
12.आधा कप अंगूर रस, केसर
जरा मिलाय। पथरी से आराम हो, रोगी प्रतिदिन खाय।।
13.सदा करेला रस पिये,सुबहा हो औ शाम। दो चम्मच
की मात्रा, पथरी से आराम।।
14.एक डेढ़ अनुपात कप, पालक
रस चौलाइ। चीनी सँग लें बीस दिन,पथरी दे न दिखाइ।।
15.खीरे का रस लीजिये,कुछ दिन तीस ग्राम। लगातार सेवन
करें, पथरी से आराम।।

16.बैगन भुर्ता बीज बिन,पन्द्रह दिन गर
खाय। गल-गल करके आपकी,पथरी बाहर आय।।
17.लेकर कुलथी दाल को,पतली मगर बनाय। इसको नियमित खाय
तो,पथरी बाहर आय।।
18.दामिड़(अनार) छिलका सुखाकर,पीसे
चूर बनाय। सुबह-शाम जल डाल कम, पी मुँह बदबू जाय।।
19. चूना घी और शहद को, ले सम भाग मिलाय। बिच्छू को विष दूर
हो, इसको यदि लगाय।।
20. गरम नीर को कीजिये, उसमें शहद
मिलाय। तीन बार दिन लीजिये, तो जुकाम मिट जाय।।
21. अदरक रस मधु(शहद) भाग सम, करें अगर उपयोग। दूर आपसे
होयगा, कफ औ खाँसी रोग।।
22. ताजे तुलसी-पत्र का, पीजे
रस दस ग्राम। पेट दर्द से पायँगे, कुछ पल का आराम।।
23.बहुत सहज उपचार है, यदि आग जल जाय। मींगी पीस कपास
की, फौरन जले लगाय।।
24.रुई जलाकर भस्म कर, वहाँ करें
भुरकाव। जल्दी ही आराम हो, होय जहाँ पर घाव।।
25.नीम-पत्र
के चूर्ण मैं, अजवायन इक ग्राम। गुण संग पीजै पेट के, कीड़ों से
आराम।।
26.दो-दो चम्मच शहद औ, रस ले नीम का पात। रोग
पीलिया दूर हो, उठे पिये जो प्रात।।
27.मिश्री के संग पीजिये,
रस ये पत्ते नीम। पेंचिश के ये रोग में, काम न कोई हकीम।।
28.हरड बहेडा आँवला चौथी नीम गिलोय, पंचम जीरा डालकर
सुमिरन काया होय॥
29.सावन में गुड खावै, सो मौहर बराबर
पावै॥⁠⁠⁠⁠

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