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Showing posts from August, 2017

🌺🙏🏻🌺 *!! चेहरे से ब्लैक हेड्स  के लिए !!*🌺🙏🏻🌺

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 *!! चेहरे से ब्लैक हेड्स  के लिए !!* ...तीन से चार कप पानी को उबाल कर , इस में २ चम्मच सोडा डाल कर ...इस पानी से स्टीम लेने के बाद तौलिये से चेहरे को कुछ सेकंड के लिए ढक लेते है !! ऐसा ५ से ६ बार करे ! .इस के बाद १ चम्मच दही और १ चम्मच चावल के आटे का पेस्ट बना कर , इस पेस्ट को ब्लेक हेड्स की जगह पर लगाए ,,,और बीस मिनिट बाद धो ले !!             

*🍃दमा/श्वास/अस्थमा की सफ़ल सरल चिकित्सा🍃*

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*दमा/श्वास/अस्थमा की सफ़ल सरल चिकित्सा*  ➖➖➖➖➖➖➖ *▶1 सितोपलादि चूर्ण-*  (स्वामी रामदेव जी की दुकान से ले) 2-5 ग्राम सितोपलादि चुर्ण+1 चम्मच शहद +2 चम्मच देशी घी(गाय का हो तो बहुत अच्छा)। इसे दिन मे 2बार ले। इससे नए व पुराने दमे मे जरूर लाभ होता है। अभी तक जिसे भी दिया है उसे ही लाभ हुआ है। किसी को भी हानि नहीं हुई। ध्यान रहे इस से तत्काल लाभ नहि होता। 10 दिन बाद लाभ होता है परन्तु लाभ जरूर होता है। जो भी दमे की चिकित्सा कर के परेशान हो चुके हैं वह प्रयोग जरूर करे। आप निराश नहीं होंगे। ⚫यदि कभी बुखार (ज्वर) हो जाए तो यह बन्द कर दे। बुखार ठीक होने पर दोबारा शुरू करे। यह दवा इतनी सुरक्षित है कि गर्भवती महिलाओं और 1 महिने के बच्चे को भी दे सकते हैं। ♓♈♊♑ *▶2 *दशमूल क्वाथ –* स्वामी रामदेव जी की दुकान से दशमूल क्वाथ मिलता है। इस द्शमूल क्वाथ के 2 चम्मच (लगभग 10 ग्राम) 200 ग्राम पानी मे उबाल ले। जब लगभग आधा रह जाए तब छान कर पी ले। प्रतिदिन 2-3 समय पिए। यह सब प्रकार के दमे मे जरूर लाभ करता है। कोइ भी हानि नहीं होती। ♓♈♊♑ *▶3 सोंठ* (सूखी अदरक

🔴 *शारीरिक कमजोरी दूर करने के 35 आयुर्वेदिक व घरेलू उपाय* 🔴

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   *शारीरिक कमजोरी दूर करने के 35 आयुर्वेदिक व घरेलू उपाय*   1) टमाटर का ताज़ा सूप पीने से भूख बढ़ती है, और शरीर में उत्पन्न हुई खून की कमी दूर हो जाती है। इस उपाय से शारीरिक कमजोरी भी दूर होती है। टमाटर का सूप पीने से मुख-मंडल पर लाली आ जाती है। 2) कॉफी का सेवन करने से मानसिक तनाव दूर होता है, और शरीर भी नयी ताज़गी महसूस करता है। भोजन करने के बाद कॉफी पीने से पेट हल्का महसूस करता है। कॉफी पीने से पेट की छोटी मोटी गड़बड़ियाँ भी दूर हो जाती हैं। 3) दूध पीने से शरीर में शक्ति आती है, नपुंसकता दूर करने के लिए सर्दियों के मौसम मे केसर वाला दूध पीने से पौरुष शक्ति बढ़ती है। और संभोग करने के बाद बादाम वाला दूध पीने से थकान और कमजोरी दूर होती है। (दूध में तीन से चार बादाम पीस कर डालें)। 4) मांसपेशियों की कमजोरी दूर करने के लिए थोड़ा नमक ले कर उसे ठंडे पानी में मिला लें और फिर उस घोल से पूरे शरीर पर मालिश करें। यह उपाय करने पर शरीर की मांसपेशीयों को आराम मिलेगा। 5) धातु की दुर्बलता ( sexual weakness / यौन दुर्बलता) दूर करने के लिए पके हुए फालसा खाना लाभदायी होता है। शहद में पोस्
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थकान आजकल की बहुत आम समस्या है।  सामान्य शब्दों में इसे बहुत अधिक थकान या सुस्ती या कमजोरी महसूस होना भी कह सकते हैं।हर ताले की चाबी होती है। उसी तरह जहाँ कोई समस्या होती है वहां कोई न कोई हल होता है। और आयुर्वेद के पास इस समस्या का सही समाधान है जो आजकल के लोगों को परेशान कर रही है। नीचे हमने थकान से निपटने के कुछ आयुर्वेदिक उपचार बताये हैं जिनका उपयोग करके आपको अवश्य देखना चाहिए। हमें विश्वास है कि आपको इनसे बहुत लाभ होगा। आइये देखें।बिना वजह के थकान और कमज़ोरी लगे तो, आजमाइये आयुर्वेदिक नुस्‍खे  1. जीरा:यह एक बहुत आम भारतीय मसाला है जिसका उपयोग हर घर में प्रतिदिन किया जाता है। यदि प्रतिदिन एक कप गर्म जीरे की चाय का सेवन किया जाए या यदि प्रतिदिन भुने हुए जीरे के पाउडर का सेवन किया जाए तो आपको थकान दूर करने में सहायता मिलती है। 2. हल्दी:इससे न केवल हार्मोन्स नियमित होते हैं बल्कि इससे आपका प्रतिरक्षा तंत्र भी मज़बूत होता है और मूड भी अच्छा रहता है। यह सभी प्रकार की बीमारियों के लिए फर्स्ट एड की तरह काम करता है। 3. राई के दाने:राई के दानों में विटामिन ए, विटामिन स

*भूख नहीं लगने का कारण व उपचार*

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*भूख नहीं लगने का कारण व उपचार*--- शरीर को पोषक तत्व नहीं मिलने के कारण शरीर के सभी अंगों की कार्यक्षमता में भारी कमी आने लगती है जैसे--अवसाद,कब्ज, हायपोथायराइड, लीवर से संबंधित रोग, व्यायाम नहीं करना आदि यह सब भूख नहीं लगने के मुख्य कारण है। *उपचार*-(1)एक गिलास पानी में आधा नींबू निचोडकर इसमें एक चम्मच अदरक का रस और थोड़ा सा नमक मिलाकर इस पानी को सुबह भोजन के आधा घंटे पहले पीना चाहिए । 2. एक चौथाई कप पानी में दो बूँद लौंग का तेल मिलाकर दिन मे एक बार पीना चाहिए । 3 . अजयवान का पाउडर, राई का पाउडर, पीसी हुई शक्कर और काला नमक इन चारों को बराबर मात्रा में लेकर रोज सुबह शाम खाना खाने के बाद एक चम्मच पानी के साथ लेने से कुछ ही दिनों में भूख नहीं लगने का रोग ठीक हो जाता है । 4. वर्षा ऋतु को छोड़ कर बाकी सब ऋतुओं में छाछ जरूर पीना चाहिए। इससे भूख नहीं लगने का रोग ठीक हो जाता है ।                   आर.पी.वर्मा

हार्ट अटैक: ना घबराये ......!!! सहज सुलभ उपाय

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हार्ट अटैक: ना घबराये ......!!!  सहज सुलभ उपाय .... 99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी रिमूव कर देता है पीपल का पत्ता.... पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों, बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों। प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें। पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें। जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें, दवा तैयार। इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती। दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें। * पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत क्षमता है। * इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 11 बजे व 2 बजे ली जा सकती हैं। * खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें। * प्रयोगका

आम के फायदे

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आम आम को शास्त्रों में अमृत फल माना गया है | आम को फलों का राजा भी कहा जाता है | आइये आज हम इसके कुछ सरल और उपयोगी प्रयोग जानते हैं :-- १- यदि बच्चों को मिट्टी खाने की आदत हो तो उसे छुड़ाने के लिए आम की गुठली की गिरी का चूर्ण पानी में मिलाकर दिन में दो -तीन बार पिलायें , इस प्रयोग से पेट के कीड़े भी मर जाते हैं | २-सूखी खांसी - एक पका हुआ अच्छा सा आम लें , उसे आग में भून लें | जब यह ठंडा हो जाए तो इसे धीरे -धीरे चूसें , इससे सूखी खांसी में लाभ होता है | ३- मधुमेह - आम के पत्तों को छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें , इसे 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह - शाम पानी से 20-25 दिन लगातार सेवन करने से मधुमेह में लाभ होता है | ४- कब्ज़ - पके आम खाकर ऊपर से गर्म दूध पीने से शौच खुलकर आती है , जिससे पेट साफ़ हो जाता है और कब्ज़ से छुटकारा मिल जाता है | ५- कान दर्द -आम के पत्तों का रस निकालें , इसे हल्का सा गर्म करके कुछ बूँद कान में डालें , कान दर्द में लाभ होता है | ६-पायरिया - आम की गुठली की गिरी निकल लें , सुखाकर इसका बारीक़ चूर्ण बना लें | इस चूर्ण को मंजन की तरह करने

बथुआ के गुण

बथुआ के गुण कच्चे बथुआ के एक कप रस में थोड़ा सा नमक मिलाकर प्रतिदिन लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। गुर्दा, मूत्राशय और पेशाब के रोगों में बथुआ का रस पीने से काफी लाभ मिलता है। बथुआ को उबाल कर इसके रस में नींबू, नमक और जीरा मिलाकर पीने से पेशाब में जलन और दर्द नहीं होता। सिर में अगर जुएं हों तो बथुआ को उबालकर इसके पानी से सिर धोएं।  जुएं मर जाएंगे और सिर भी साफ हो जाएगा। सफेद दाग, दाद, खुजली फोड़े और चर्म रोगों में बथुआ को प्रतिदिन उबालकर इसका रस पीना चाहिए। बथुआ का रस मलेरिया, बुखार और कालाजार संक्रामक रोगों में भी फायदेमंद होता है। कब्ज के रोगियों को तो इसका नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। कुछ हफ्तों तक नियमित रूप से खाने से कब्ज की समस्या समाप्त हो जाती है। बथुआ को साग के तौर पर खाना पसंद न हो तो इसका रायता बनाकर खाएं। पथरी होने पर एक गिलास कच्चे बथुआ के रस में शक्कर को मिलाकर रोज पिएं। पथरी टूटकर बाहर निकल आएगी।

कैंसर किलर : – हल्दी – गौ मूत्र – पुनर्नवा ।

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कैंसर किलर : – हल्दी – गौ मूत्र – पुनर्नवा । हल्दी में एक तत्व पाया जाता हैं जिसको करक्यूमिन कहा जाता हैं जो कैंसर को रोकने में रामबाण हैं। अगर आपको कैंसर का डर हैं या इस की शुरुवात भी हो गयी हैं तो आप घबराइये नहीं आप निरंतर हल्दी का सेवन अपने भोजन में करे। 90 % मरीज कैंसर से नहीं मरते बल्कि उसके इलाज से मर जाते हैं ये एक आश्चर्यजनक तथ्य हैं। अगर किसी मरीज ने अपना कीमो करवाना शुरू कर दिया हैं तो फिर उसका नार्मल होना बहुत मुश्किल हो जाता हैं। और उस पर फिर ये प्रयोग ना करे। राजीव दीक्षित भाई ने ऐसे कई मरीज सही किये थे जिनको कैंसर था। और उन्होंने जो देसी इलाज अपनाया वह था भारतीय गौ मूत्र, हल्दी और पुनर्नवा । अगर आप या किसी अन्य को ऐसी कोई शिकायत हैं तो आप भी इस घरेलु नुस्खे से स्वस्थ्य पा सकते हैं। अब ये दवा बनानी कैसे हैं। देसी गाय ये आपको अपने आस पड़ोस में या गौशाला में मिल जाएगी, इसमें भी विशेष हैं काली गाय और ये ध्यान रखे के गाय गर्भवती ना हो, बेहतर होगा आप वो गाय का मूत्र लीजिये जो अभी छोटी बछड़ी हैं। अब इस एक गिलास गौ मूत्र में 1 चम्मच हल्दी डाल कर इसको धीमी आंच तक

गुलकंद (Gulkand) से उपचार एव बनाने की विधि::

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गुलकंद (Gulkand) से उपचार एव बनाने की विधि:: गुलकंद एक आयुर्वेदिक टॉनिक है। गुलाब के फूल की भीनी-भीनी खुशबू और पंखुड़ियों के औषधीय गुण से भरपूर गुलकंद को नियमित खाने पर पित्त के दोष दूर होते हैं तथा इससे कफ में भी राहत मिलती है। गर्मियों के मौसम में गुलकंद कई तरह के फायदे पहुंचाता है। गुलकंद कील मुहांसो को दूर करता है अरु रक्त शुद्ध करता है, हाजमा दुरुस्त रखता है और आलस्य दूर करता है। गुलकंद शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और कब्ज को भी दूर करता है।सीने की जलन और हड्डियो के रोगो में लाभकारी है, सुबह-शाम एक-एक चम्मच गुलकंद खाने पर मसूढ़ों में सूजन या खून आने की समस्या दूर हो जाती है। पीरियड के दौरान गुलकंद खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है। मुंह का अल्सर दूर करने के लिए भी गुलकंद खाना फायदेमंद होता है। गुलकंद बनाने की विधि:: समाग्री:: ताजी गुलाब की पंखुडियां, बराबर मात्रा में चीनी, एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ विधि:: गुलाब की ताजी व खुली पंखुडियॉं लें ,अब कांच की बडे मुंह की बोतल लें इसमें थोडी पंखुडियां डालें अब चीनी डालें फिर पंखुडियां फिर चीनी अब