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Showing posts from July, 2017

How to prevent and treat Constipation – क़ब्ज़ का उपचार, क़ब्ज़ से बचने के घरेलू उपाय

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How to prevent and treat Constipation – क़ब्ज़ का उपचार, क़ब्ज़ से बचने के घरेलू उपाय क़ब्ज़ पेट से जुड़ी एक समस्या है जिसे बद्धकोष्टता (Costiveness) के नाम से भी जाना जाता है इस रोग में मल त्यागने में कठिनाई का अनुभव होता है। पाचन में लगातार किसी तरह की समस्या की वजह से क़ब्ज़ की शिकायत होती है। प्रत्येक व्यक्ति में मलत्याग के बीच की अवधि में अंतर होता है। कुछ लोग दिन में तीन बार शौच करने जाते हैं तो कई लोग केवल एक बार ही या सप्ताह में दो बार तक ही शौच करते हैं। तीन दिन में एक बार मलत्यागने को एक लंबी अवधि माना जाता है। इस लंबी अवधि के पश्चात पखना सख्त हो जाता है जिसे क़ब्ज़ या कॉन्स्टीपेशन (constipation) कहा गया है। यह माना जाता है कि ऐसे लोग जो अपने आहार में पर्याप्त रूप से फाइबर या रेशेदार चीज़ें नहीं लेते उन्हें अक्सर क़ब्ज़ की शिकायत होती है। ऐसे भोजन में उच्च मात्रा में वसा मौजूद होती है जैसे बटर, चीज़, मांस अंडे आदि। अगर आप भी ये सब लेते हैं तो ध्यान रखें कि आपको निश्चित रूप से फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और रेशेदार चीज़ें लेने की आवश्यकता है। पेट फूलना, जीभ में जमी मोटी परत का अनुभवपेट

पाचन क्रिया कामजबूत ना होना और इसे मजबूत करने के उपाय

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पाचन क्रिया कामजबूत ना होना और इसे मजबूत करने के उपाय अनहेल्थी लाइफस्टाइल और खाने पीने की बुरी आदतों का बुरा प्रभाव  हमारे डाइजेशन पर पड़ता है। पाचन शक्ति मजबूत ना होने पर पेट में गैस, क़ब्ज़,अल्सर, मोटापा, दुबलापन, बदहज़मी, पेट और लिवर की बीमारियां होने का खतरा अधिक होता है, इसलिए जरुरी है की पाचन क्रिया ठीक करने के तरीके किये जाये। इस लेख में हम पढ़ेंगे पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय और देसी घरेलू नुस्खे… कमजोर पाचन क्रिया के कारण : बेवक़्त खाना नींद पूरी ना लेना तनाव अधिक लेना फास्ट फुड अधिक खाना जल्दी जल्दी भोजन खाना शारीरिक क्रिया कम होना एक ही जगह कई घंटे लगातार बैठ कर काम करना।  घरलू उपाय  : एक छोटा टुकड़ा अदरक ले और इस पर नींबू का रस डाल कर चूसे, इस घरेलू नुस्खे से पाचन क्रिया बढ़ती है। काला नमक, जीरा और अजवाइन बराबर मात्रा में ले और मिक्स करके इस मिश्रण का एक चम्मच पानी के ले। अजवाइन के पानी से भी पाचन मजबूत होता है।⁠⁠⁠⁠ स्वस्थ शरीर पाने लिए पाचन ठीक होना आवश्यक है। हम जो कुछ भी खाते है उसे पाचन तंत्र शरीर में पहुंचाता है। पाचन तंत्र भोजन को ऊर्जा में बदल कर

🌺ल्यूकोप्लेकिया (leukoplakia)- एक प्रकार का खुजली -रोग🌺

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🌺ल्यूकोप्लेकिया (leukoplakia)- एक प्रकार का खुजली -रोग🌺 ➖➖➖➖➖➖➖➖ ⚫ल्यूकोप्लेकिया एक ऐसा रोग है जिसका आम लोगों ने नाम भी नहीं सुना होगा , इसके बारे में जानकारी होना तो बहुत ही दूर की बात है बल्कि जिसे यह रोग होता है वह इसे खुजली रोग समझता है और खुजली दूर करने के उपाय भी करता है पर यह खुजली ठीक नहीं होती है तब वह किसी अनुभवी चिकित्सक की सहायता लेता है तभी उसे इस रोग की जानकारी मिलती है l 🌺लक्षण : इस रोग में श्लेष्मकला पर सफ़ेद दाग पड़ जाते हैं जैसे ल्यूकोडर्मा रोग होने पर पड़ जाते हैं lल्यूकोडर्मा को हिंदी में श्वेत कुष्ठ कहते हैं ल्यूकोडर्मा और ल्यूकोप्लेकिया में अंतर यह है की सफ़ेद दाग तो दोनों में होते हैं पर ल्युकोप्लेकिया में खुजली भी चलती है और वह भी इतनी कि रोगी बार -बार खुजाने के लिए विवश हो जाता है जबकि ल्यूकोडर्मा में खुजली नहीं चलती है l यह रोग ज्यादातर गाल के अन्दर वाले भाग में , जीभ पर और महिलाओं के जनांगो में होता है l जिन महिलाओं को यह रोग होता है उन्हें इस रोग से होने वाली तेज खुजली के कारण किसी के सामने बैठने या सोसायटी में आनेजाने और उठने बैठने में बहुत ही प

चक्कर आने के कारण व उपचार--

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चक्कर आने के कारण व उपचार--    पेट में गैस होना,लीवर की गड़बड़ी, मस्तिष्क की कमजोरी और सिर का अधिक तापमान होना, यह सब चक्कर आने के मुख्य कारण है । उपचार-(1) 7-8मुनक्का के बीज निकालकर एक गिलास दूध में अच्छी तरह उबालें।रोज सुबह शाम मुनक्का खाकर दूध पीने से चक्कर का आना ठीक होता है। 2. एक चम्मच पीसी हुई सौंठ लेकर इसमें दो चम्मच घी मिलाकर गर्म करें और साथ ही दो चम्मच शक्कर मिला लें ।इसे 15दिन तक दिन में एक बार खाने से चक्कर का आना ठीक होता है । 3. दो चम्मच शक्कर में दो चम्मच पीसा हुआ धनिया मिलाकर खूब चबा चबाकर खाने से चक्कर का आना ठीक हो जाता है ।

कुदरती पदार्थों से करें कब्ज का इलाज::

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कुदरती पदार्थों से करें कब्ज का इलाज:: १—कब्ज का मूल कारण शरीर मे तरल की कमी होना है। पानी की कमी से आंतों में मल सूख जाता है और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है। अत: कब्ज से परेशान रोगी को दिन मे २४ घंटे मे मौसम के मुताबिक ३ से ५ लिटर पानी पीने की आदत डालना चाहिये। इससे कब्ज रोग निवारण मे बहुत मदद मिलती है। २…भोजन में रेशे की मात्रा ज्यादा रखने से कब्ज निवारण होता है।हरी पत्तेदार सब्जियों और फ़लों में प्रचुर रेशा पाया जाता है। मेरा सुझाव है कि अपने भोजन मे करीब ७०० ग्राम हरी शाक या फ़ल या दोनो चीजे शामिल करें। ३… सूखा भोजन ना लें। अपने भोजन में तेल और घी की मात्रा का उचित स्तर बनाये रखें। चिकनाई वाले पदार्थ से दस्त साफ़ आती है। ४..पका हुआ बिल्व फ़ल कब्ज के लिये श्रेष्ठ औषधि है। इसे पानी में उबालें। फ़िर मसलकर रस निकालकर नित्य ७ दिन तक पियें। कज मिटेगी। ५.. रात को सोते समय एक गिलास गरम दूध पियें। मल आंतों में चिपक रहा हो तो दूध में ३ -४ चम्मच केस्टर आईल (अरंडी तेल) मिलाकर पीना चाहिये। ६..इसबगोल की की भूसी कब्ज में परम हितकारी है। दूध या पानी के साथ २-३ चम्मच इसब

मुलेठी के फायदे

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मुलेठी के फायदे  | मुलेठी , ज्येष्ठी मधु मुलेठी बहुत गुणकारी औषधि है। मुलेठी के प्रयोग करने से न सिर्फ आमाशय के विकार बल्कि गैस्ट्रिक अल्सर के लिए फायदेमंद है। इसका पौधा 1 से 6 फुट तक होता है। यह मीठा होता है इसलिए इसे ज्येष्ठीमधु भी कहा जाता है। असली मुलेठी अंदर से पीली, रेशेदार एवं हल्की गंधवाली होती है। यह सूखने पर अम्ल जैसे स्वाद की हो जाती है। मुलेठी की जड़ को उखाड़ने के बाद दो वर्ष तक उसमें औषधीय गुण विद्यमान रहता है। ग्लिसराइजिक एसिड के होने के कारण इसका स्वाद साधारण शक्कर से पचास गुना अधिक मीठा होता है। मुलेठी के गुण - - यह ठंडी प्रकृति की होती है और पित्त का शमन करती है . मुलेठी को काली-मिर्च के साथ खाने से कफ ढीला होता है। सूखी खांसी आने पर मुलेठी खाने से फायदा होता है। इससे खांसी तथा गले की सूजन ठीक होती है। - अगर मुंह सूख रहा हो तो मुलेठी बहुत फायदा करती है। इसमें पानी की मात्रा 50 प्रतिशत तक होती है। मुंह सूखने पर बार-बार इसे चूसें। इससे प्‍यास शांत होगी। - गले में खराश के लिए भी मुलेठी का प्रयोग किया जाता है। मुलेठी अच्‍छे स्‍वर के लिए भी प्रयोग की जाती है। -

दिमाग को तेज करने वाली 10 विशेष जड़ी-बूटियां

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दिमाग को तेज करने वाली 10 विशेष जड़ी-बूटियां दिमाग हमारे शरीर को वो हिस्‍सा है जिसके संकेत के बिना शरीर का कोई भी अंग काम नहीं कर सकता। लेकिन कई बार बढ़ती उम्र, गलत आदतों, नशे और आवश्यक पोषक तत्वो की कमी आदि से याददाश्त कमजोर होने लगती है। लेकिन अपने आहार में कुछ विशेष जड़ी-बूटियों को शमिल करके आप अपने दिमाग को तेज कर सकते हैं। आइए जानें ऐसी कौन सी जड़ी-बूटियां है जिनको अपने आहार में शमिल कर आप आसानी से तेज दिमाग पा सकते हैं। 1. जटामांसी जटामांसी औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी-बूटी है। इसे जटामांसी इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसकी जड़ों में जटा बाल जैसे तंतु लगे होते हैं। यह दिमाग के लिए एक रामबाण औषधि है, यह धीमे लेकिन प्रभावशाली ढंग से काम करती है। इसके अलावा यह याददाश्त को तेज करने की भी अचूक दवा है। एक चम्मच जटामासी को एक कप दूध में मिलाकर पीने से दिमाग तेज होता है। 2. ब्राह्मी बाह्मी नामक जड़ी-बूटी को दिमाग के लिए टॉनिक भी कहा जाता है। यह दिमाग को शांति और स्पष्टता प्रदान करती है और याद्दाश्त को मजबूत करने में भी मदद करती है। आधे चम्मच बाह्मी के पाउडर और शहद को गर्म पानी म

गर्म दूध में शहद मिलाकर पीने के फायदे:

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गर्म दूध और शहद मिलाकर पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है. आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि इसमें हीलिंग का गुण होता है. ये तो हम सभी जानते हैं कि दूध और शहद दोनों ही स्वास्थ्य के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं लेकिन इन दोनों का एक साथ सेवन करना स्वास्थ्य के लिए किसी औषधि की तरह काम करता है. एक ओर जहां शहद में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण पाया जाता है. वहीं दूध एक संपूर्ण आहार है. जिसमें विटामिन ए, विटामिन बी और डी की पर्याप्त मात्रा होती है. इसके अलावा ये कैल्शियम, प्रोटीन और लैक्ट‍िक एसिड से भी भरपूर होता है. गर्म दूध में शहद मिलाकर पीने के फायदे: 1. गर्म दूध में शहद मिलाकर पीने से तनाव दूर होता है. ये तंत्रिका कोशिकाओं और तंत्रिका तंत्र को आराम पहुंचाने का काम करता है. 2. बेहतर नींद पाने के लिए भी गर्म दूध में शहद मिलाकर पीना फायदेमंद होता है. सोने से एक घंटे पहले गर्म दूध में शहद मिलाकर पीना फायदेमंद होता है. 3. पाचन क्रिया को बेहतर बनाए रखने के लिए भी गर्म दूध में शहद का सेवन करना फायदेमंद होता है. इससे कब्ज की समस्या नहीं होने पाती है. 4

मधुमेह रोग से मुक्ति

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मधुमेह रोग से मुक्ति बेल:        *.बेल के 10-11 ताजे पत्ते पानी के साथ पीसकर पीने से कब्जयुक्त मधुमेह से आराम मिलता है। *.बेल के पत्तों को कूट-पीसकर उसको किसी कपड़े में बांधकर रस निकालें, 10 मिलीलीटर रस रोजाना पीने से मधुमेह रोग में शर्करा आना कम हो जाता है। *.ताजे बेल के 5 पत्ते और 10 कालीमिर्च लेकर इन दोनों को कूट-पीस छान लें, इसे शर्बत की तरह रोजाना सुबह पीने से मधुमेह मिट जाता है। *.बेल की जड़ को सुखाकर कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। 1 चम्मच चूर्ण में बेल की पत्तियों का आधा चम्मच रस मिलाकर सेवन करने से मधुमेह रोग से राहत मिलती है। *.100 मिलीलीटर बेल के पत्ते का रस शहद के साथ सेवन करने से मधुमेह रोग मिट जाता है। *.50-50 ग्राम की मात्रा में बेल की सूखी पत्तियां, घीग्वार, गुड़मार, जामुन की गुठली, करेले की पत्तियां सबको कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। इसमें से 10 ग्राम चूर्ण रोजाना पानी के साथ सेवन करें। इससे मधुमेह रोग मिट जाता है। *.बेल की गिरी का चूर्ण, छोटी पिप्पली, वंशलोचन व मिश्री 2-2 ग्राम को इकठ्ठा कर इसमें 10 मिलीलीटर तक अदरक का रस मिलाकर तथा थोड़े पानी में

घुटनों की पीड़ा:कारण और निवारण-

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घुटनों की पीड़ा:कारण और निवारण- _________________ घुटना शरीर का भार सहता है,उसे सपोर्ट करता है और चलायमान बनाता है| लेकिन घुटनों में विकार आने पर रोजमर्रा के काम करने में कठिनाई महसूस होने लगती है| जीवन में कभी न कभी घुटनों के दर्द की समस्या से सभी स्त्री-पुरुषों को रूबरू होना ही पड़ता है| कुछ लोग जवानी में ही इस दर्द की चपेट में आ जाते हैं और बुढापा तो घुटनों की पीड़ा के लिए खास तौर पर जाना जाता है| घुटनों के अंदरूनी या मध्य भाग में दर्द छोटी मोटी चोंटों या आर्थराईटीज के कारण हो सकता है| लेकिन घुटनों के पीछे का दर्द उस जगह द्रव संचय होने से होता है इसे बेकर्स सिस्ट कहते हैं| सीढ़ियों से नीचे उतरते वक्त अगर घुटनों में दर्द होता है तो इसे नी केप समस्या जाननी चाहिए | यह लक्षण कोंट्रोमलेशिया का भी हो सकता है| सुबह के वक्त उठने पर अगर आपके घुटनों में दर्द होता है तो इसे आर्थराई टीज की शुरू आत समझनी चाहिए\ चलने फिरने से यह दर्द धीरे-धीरे कम हो जाता है| बिना किसी चोंट या जख्म के अगर घुटनों में सूजन दिखे तो यह ओस्टियो आर्थ रा ईटीज,गाऊट अथवा जोड़ों का संक्रमण की वजह से ह

सिर्फ 1 मिनट में करें एसिडिटी और हाइपर एसिडिटी का तुरंत इलाज

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Treatment and Home Remedy of Acidity and hyperacidity, acidity ka ilaj, acid reflux treatment in hindi,  acidty ka gharelu ilaj in hindi एसिडिटी का घरेलू इलाज---    एसिडिटी में खून में अम्लता स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है और छाती व पेट के ऊपरी हिस्से में जलन का अनुभव होता है तथा रोग अधिक बढ़ जाने पर गले व मुँह में भी जलन व दर्द का अनुभव होता है । 1. आधा चम्मच कालीमिर्च का पाउडर लेकर इसमें स्वादानुसार सेंधा नमक मिलाकर रोज सुबह शाम खाना खाने के बाद पानी से लेने से एसिडिटी दूर होती है।इसे 15 से 30 दिन तक लिया जा सकता है । 2. 200ml पानी में 7मुनक्का (बीज निकाली हुई)और दो चम्मच सौंफ डालकर रात भर पानी में भिगो दे।सुबह इसको इसी पानी के साथ मिक्सी में पीसकर इसमें एक गिलास और पानी मिलाकर पीस लें। इस पानी को छानकर रोज सुबह शाम खाली पेट पीने से एसिडिटी का रोग समाप्त हो जाता है । 3. 100ml अंगूर के रस में 100ml अनार का रस मिलाकर रोज किसी भी समय एक बार पीने से कुछ ही दिनों में यह रोग ठीक हो जाता है ।     ज्यादा चाय काॅफी ,मिर्च मसाले,तली हुई चीजें से परहेज करें ।        

क्यों हमसे छुपाया गया!!! 1830 में ही खोज लिया था एक ऐसा Vitamin जो कैंसर को बड़ी आसानी से ख़त्म कर सकता है

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क्यों हमसे छुपाया गया!!! 1830 में ही खोज लिया था एक ऐसा Vitamin जो कैंसर को बड़ी आसानी से ख़त्म कर सकता है Alternative cancer treatment in hindi क्या वाकई vitamin B17 की कमी से होता है कैंसर? क्या वाकई ऐसा कोई vitamin है जो कैंसर को खत्म कर सकता है? क्यों हमसे छुपाया गया जब 1830 में ही खोज लिया गया था कैंसर का इलाज ? एक ऐसी थेरेपी जिसने 30 साल तक कैंसर को सिर्फ छोटी मोटी एक आम सी बीमारी बना कर रखा!!! फिर क्यों ये रोग बन गया आज मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन!!! आज आपको Only Ayurved में इस विषय पर विस्तार से बताएँगे श्री बलबीर सिंह जी शेखावत और चेतन सिंह जी, और इस पोस्ट पर चर्चा करने के लिए इनके नंबर भी नीचे दिए गएँ हैं, सिर्फ मरीज ही इस पर चर्चा करें. तो आइये जाने. cancer treatment with vitamin B17 आपको जानकार हैरानी होगी के आधुनिक विज्ञान ने ये अदभुत जानकारी सन 1830 में मिल गयी थी के Vitamin B17 या कहें के Amygdalin ऐसे अनेक फलों की गुठलियों के बीजों के अन्दर पाया जाता है, जो के कैंसर को खत्म करने की शक्ति रखते हैं.  इसको फ्रेंच वैज्ञानिक Roubiqet और Bontron ने खोज किया था औ

चिकूनगुनिया

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* चिकूनगुनिया * दिल्ली में चिकून गुनिया  इस बिमारी से सेकडो लोग बिमार है। कई मौते भी हो चुकी है। दुर्भाग्यवश इस बिमारी का कोई ठोस इलाज डॉक्टरोंके पास नही है। लेकिन भगवान के घर देर है पर अंधेर नही है। इस भयंकर बिमारी की अत्यंत सरल तथा अत्यंत लाभदायक दवा होमिओपेथी में खोज निकाली है। जीसका नाम है *Polyporus pinicola 200* इस दवाके केवल एक डोस लेनेसे चिकूनगुण्या का बुखार और जोडों का दर्द  48 घंटे मे समाप्त हो जात है। आश्चर्य हुवा ना? चिकिन गुनिया जैसे जानलेवा बिमारी दवाके केवल एक डोस से समाप्त होती है? जी हां! *चिकून गुनिया Polyporus pinicola 200 इस दवाके मात्र एक डोस से ठीक हो जाता है।* बंगलोर में इस दवा का हजारो रोगीयोंपर सफल परीक्षण हुवा है।और केवल एक डोस से बिमारी ठीक होती है। *कृपया इस जानकारी को अधिक से अधिक फैलाये ताकी दिल्ली के लोगों तक पहूचे।* विशेष सूचना:- चिकूनगुनिया का बुखार और जोडोंका दर्द तथा बदन दर्द इस दवाके मात्र एक डोस से ठीक होता है,किंतु किसीको फिर भी जोडोंका दर्द बचा रहे तो *Kali mur 1M* इस दवाकी मात्र एक डोस लेनेसे वो भी ठीक हो जायेगी

बालकों की पुष्टि हेतु उपचार

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बालकों की पुष्टि हेतु उपचार पहला प्रयोगः तुलसी के पत्तों का 10 बूँद रस पानी में मिलाकर रोज पिलाने से स्नायु एवं हड्डियाँ मजबूत होती हैं। दूसरा प्रयोगः शुद्ध घी में बना हुआ हलुआ खिलाने से शरीर पुष्ट होता है। मिट्टी खाने परः बालक की मिट्टी खाने की आदत को छुड़ाने के लिए खूब पके हुए केलों को शहद के साथ खिलायें। शिशु को नींद न आने पर करे ये उपाय पहला प्रयोगः बालक को रोना बंद न होता हो तो जायफल पानी में घिसकर उसके ललाट पर लगाने से बालक शांति से सो जायेगा। दूसरा प्रयोगः प्याज के रस की 5 बूँद को शहद में मिलाकर चाटने से बालक प्रगाढ़ नींद लेता है।

*चुकन्दर के अद्भुत लाभ*

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*चुकन्दर के अद्भुत लाभ* - *अक्सर कब्ज रहने वाले लोगों मेरा सलाह रहता है कि लगातार एक माह तक सरसों के तेल में तलकर सेंधा नमक व धनिया डालकर सब्जी खायें , क्योंकि इस पर मेरे साथ बहुत अच्छे अनुभव हैं ।* लोग इसे खून बढ़ाने वाला जूस मानते हैं , लेकिन शायद इसके दूसरे गुणों का ज्ञान ना हो । चुकन्दर लीवर से फैट हटाने व आंतो को बिलकुल साफ़ करने वाली रामबाण औषधि है ।  चुकंदर एक सब्जी है जिसको हम कच्चा या सलाद में खा सकते हैं। यह सिर्फ आँखों की रोशनी ही नहीं बढ़ाता बल्कि हमारे ब्लड सर्कुलेशन को बढाता है । हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए यह अमृत के समान है ।     चुकंदर में Betaine और Tryptophan होता है, यह बहुत दुर्लभ पदार्थ हैं जो Nerves system को शांत करते हैं और तनाव से लड़ते हैं, चुकंदर की Anti Inflammatory गुण और इसमें एंटी oxidants की भरपूरता Free Radicals से लड़ने में बहुत सहायक हैं जिसमे आप पूरे दिन नई ऊर्जा का अनुभव करते हैं । *सलाद के रूप में -* 2 चुकंदर, 2 प्याज, तेल 1 चम्मच , सिरका – 1 चम्मच , सेंधा या काला नमक नमक स्वाद के लिए ।  भोजन करने के 1 घंटा पहले आप इस सलाद

अकुंरित अनाज के लाभ

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..............(अकुंरित अनाज के लाभ ) पाचन तंत्र बनता है मजबूत- अंकुरित अनाज खाने से आपकी पेट संबंधी Problems दूर हो जाती हैं। फाइबरयुक्तर रेशेदार अंकुरित अनाज खाने से आपका पाचनतंत्र मजबूत बनता है। •    पोषक तत्वों से भरपूर- अंकुरित अनाज एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ए,बी,सी, ई से भरपूर होता है। इतना ही नहीं इसमें फास्फोरस, आयरन, कैल्शियम, जिंक और magnesium  जैसी पौष्टिक तत्व भी होते हैं। एंटीऑक्सीनडेंट से जहां व्यक्ति का इम्युन system मजबूत होता है वहीं कैल्शियम से हडि्डयों में ताकत आती है। आयरन Blood में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने में सहायक है। अन्य  पोषक तत्व व्यक्ति को स्व्स्थ् और फिट रखने में कारगर है। •    प्रोटीन युक्त - अंकुरित अनाज में बहुत सारे प्रोटीन होते हैं जो कि शरीर को मजबूत रखने और बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी है। •    कम कैलोरी युक्तन- अंकुरित अनाज में कैलोरी बहुत कम होती है जो कि मोटे लोगों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इतना ही नहीं जो लोग नहीं चाहते कि उनका वजन बढ़े, उन्हें भी अंकुरित अनाज खाना चाहिए। अंकुरित अनाज के अन्यह फायदे •    यह रक्त

अपेंडिक्स अर्थात आंत्रपुच्छ शोथ (अपेण्डिसाइटिस) का रामबाण इलाज।

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अपेंडिक्स अर्थात आंत्रपुच्छ शोथ (अपेण्डिसाइटिस) का रामबाण इलाज। आज हम आपको बताने जा रहे हैं अपेण्डिसाइटिस का ऐसा रामबाण इलाज जिससे अगर डॉक्टर ने आपको ऑपरेशन की सलाह भी दे दी हैं तो भी ऑपरेशन की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। यहाँ पर बताये गए तीनो प्रयोग अपेण्डिसाइटिस के लिए रामबाण हैं। भारतीय आयुर्वेद ज्ञान का हिस्सा हैं और पुराने वैदो द्वारा सफलता पूर्वक आजमाए हुए हैं। आइये जाने ये प्रयोग। ऐसी जगह जहाँ देसी गाय चरती हो या रहती हो वहां की मिटटी (अगर ऐसी जगह ना हो तो ऐसे खेत की मिटटी जहाँ पर केमिकल्स युक्त खाद इस्तेमाल ना होते हो उस खेत की मिटटी) भिगोकर अपेण्डिसाइटिस से प्रभावित हिस्से पर रखे तथा थोड़ी थोड़ी देर में बदलते रहे एवं तीन दिन तक निराहार रहे। चौथे दिन आधी कटोरी मूंग का पानी, पांचवे दिन एक कटोरी, छठे दिन एक कटोरी मूंग व् सातवे दिन भूख के अनुसार मूंग खाए। आठवे दिन मूंग और चावल का आहार ले तथा नौवे दिन सब्जी रोटी खाना प्रारम्भ करे। इससे अपेंडिक्स मिट जायेगा व् जीवन में फिर कभी नहीं होगा। और अगर साथ में तीन मिनट हर रोज़ सुबह नित्य कर्म से निर्व्रत हो कर (शौच वगैरह जा कर) से पांच मिनट

*🌺☘शरीर की सभी बीमारियों का एक सबसे बड़ा कारण खराब खून जानिए इसको साफ करने का नुस्खे*☘🌺

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*☘शरीर की सभी बीमारियों का एक सबसे बड़ा कारण खराब खून जानिए इसको साफ करने का नुस्खे*☘ खून शरीर के करोड़ों सेल्स को ऑक्सीजन, मिनरल्स, और अन्य पोषक तत्व पहुँचाने का काम करता है और यही सेल्स हमारे स्वस्थ शरीर का निर्माण करते हैं। हमारे गलत खानपान से, अधिक अम्लीय पदार्थ और नमक के सेवन से यह धीरे धीरे दूषित होता रहता है।  शरीर से विजातीय पदार्थ जैसे मल मूत्र आदि अगर सही से ना निकले तो भी ये गंदगी शरीर के रक्त में घुल जाती है। जिस कारण से अनेक रोग उत्पन्न हो जाते हैं। जिनमे चर्म रोग विशेष हैं। इसलिए स्वस्थ और सुन्दर शरीर की कामना रखने वालों को अपने रक्त की शुद्धि पर विशेष ध्यान देना चाहिए।  भोजन में फल- साग, क्षारीय उत्पादक चीज़ो के कम खाने, अधिक अम्लीय पदार्ध एवं नमक खाने, अनुचित खान-पान और कब्ज रहने से रक्त दूषित हो जाता है। रक्त अशुद्ध होने पर किसी भी रूप में नमक ना खाएं। चीनी के स्थान पर गुड का सेवन करना चाहिए। विटामिन ‘सी’, लोहा, कैल्शियम ये सभी रक्तशोधक है। खून को प्राकृतिक तरीके से साफ़ करने के लिए इन आहारो को अपने भोजन में ज़रूर शामिल करें। ♓गाजर, नारंगी, अमरुद, गन्ना

*हृदय की बीमारी**आयुर्वेदिक इलाज !!*

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*हृदय की बीमारी*  *आयुर्वेदिक इलाज !!* हमारे देश भारत मे 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे उनका नाम था *महाऋषि वागवट जी !!* उन्होने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम है *अष्टांग हृदयम!!* *(Astang  hrudayam)* और इस पुस्तक मे उन्होने ने बीमारियो को ठीक करने के लिए *7000* सूत्र लिखे थे ! यह उनमे से ही एक सूत्र है !! वागवट जी लिखते है कि कभी भी हृदय को घात हो रहा है ! मतलब दिल की नलियों मे blockage होना शुरू हो रहा है ! तो इसका मतलब है कि रकत (blood) मे acidity(अम्लता ) बढ़ी हुई है ! अम्लता आप समझते है ! जिसको अँग्रेजी मे कहते है acidity !! *अम्लता दो तरह की होती है !* एक होती है *पेट कि अम्लता !* *और एक होती है रक्त (blood) की अम्लता !!* आपके पेट मे अम्लता जब बढ़ती है ! तो आप कहेंगे पेट मे जलन सी हो रही है !! खट्टी खट्टी डकार आ रही है ! मुंह से पानी निकाल रहा है ! और अगर ये अम्लता (acidity)और बढ़ जाये ! तो hyperacidity होगी ! और यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त मे आती है तो रक्त अम्लता  (blood acidity) होती !! और जब blood मे acidi

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए

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त्रिफला चूर्ण को रात्रि में पानी में भीगोकर, सुबह छानकर उस पानी से आँखें धोने से नेत्रज्योति बढ़ती है। चश्मा उतारने के लिएः 1- 7 बादाम, 5 ग्राम मिश्री और 5 ग्राम सौंफ दोनों को मिलाकर उसका चूर्ण बनाकर रात्रि को सोने से पहले दूध के साथ लेने से नेत्रज्योति बढ़ती है। 2- एक चने के दाने जितनी फिटकरी को सेंककर सौ ग्राम गुलाबजल में डालें और प्रतिदिन रात्रि को सोते समय इस गुलाबजल की चार-पाँच बूँद आँखों में डालकर आँखों की पुतलियों को इधर-उधर घुमायें। साथ ही पैरों के तलुए में आधे घण्टे तक घी की मालिश करें। इससे आँखों के चश्मे के नंबर उतारने में सहायता मिलती है

तम्बाकू या खुटका छोड़ने के लिए उपाय

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सबसे पहले मन को कंट्रोल करना चाहिए । तंबाकू खाने की आदत छुड़ाने में निम्न नुस्खे अपनाए जा सकते हैं -  बारीक सौंफ के साथ मिश्री के दाने मिलाकर धीरे-धीरे चूसें, नरम हो जाने पर चबाकर खा जाएं। अजवाइन साफ कर नींबू के रस व काले नमक में दो दिन तक भींगने दें। इसे छांव में सुखाकर रख लें। इसे मुंह में रखकर चूसते रहें।  छोटी हरड़ को नींबू के रस व सेंधा नमक (पहाड़ी नमक) के घोल में दो दिन तक फूलने दें। इसे निकाल छांव में सुखाकर शीशी में भर लें और इसे चूसते रहें। नरम हो जाने पर चबाकर खा लें।  तंबाकू सूंघने की आदत छोड़ने के लिए गर्मी के मौसम में केवड़ा, गुलाब, खस आदि के इत्र का फोहा कान में लगाएं।  सर्दी के मौसम में तंबाकू खाने की इच्छा होने पर हिना की खुशबू का फोहा सूंघें।  खाने की आदत को धीरे-धीरे छोड़ें। एकदम बंद न करें, क्योंकि रक्त में निकोटिन के स्तर को क्रमशः ही कम किया जाना चाहिए।

केले खरीदने में बरतें सावधानी-

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केले खरीदने में बरतें सावधानी- 30/- से 40/- रु दर्ज़न की दर से मृत्यु बेची जा रही है। सबसे विनती है कि केले खरीदते समय सावधान रहें । हम सभी केले पसंद करते हैं और इनका भरपूर स्वाद उठाते हैं परंतु अभी बाज़ार में आने वाले केले  कार्बाइडयुक्त पानी में भिगाकर पकाए जा रहे हैं , इस प्रकार के केले खाने से 100% कॅन्सर या पेट का विकार हो सकता है.  इसलिए अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करें और ऐसे केले ना खाएँ। परंतु केले को कार्बाइड का उपयोग करके पकाया है इसे कैसे पहचानेंगे :- यदि केले को प्राकृतिक तरीके से पकाया है तो उसका डंठल काला पड जाता है  और केले का रंग गर्द पीला हो जाता है । कृपया नीचे दिए फोटो को देखें साथ ही केले पर थोड़े बहुत काले दाग रहते हैं । परंतु यदि केले को कारबाइड का इस्तेमाल करके पकाया गया है तो उसका डंठल हरा होगा और केले का रंग लेमन यलो अर्थात नींबुई पीला होगा इतना ही नही ऐसे केले का रंग एकदम साफ पीला होता है उसमे कोई दाग धब्बे नहीं होते कृपया नीचे दिए फोटो को देखें। कारबाइड आख़िर क्या है , यदि कारबाइड को पानी में मिलाएँगे तो उसमें से उष्मा (हीट) निकलती है और अस्य

*नहाने का वैज्ञानिक तरीका-  (must read Scientific knowledge about proper way of taking bath)*

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*नहाने का वैज्ञानिक तरीका-  (must read Scientific knowledge about proper way of taking bath)* *Dr. k.p.singh* *9213981415* *अपने स्वस्थ एवं सुरक्षित जीवन के लिये इस पोस्ट को अवश्य पढे और पढ़ायें.* *क्या आपने कभी अपने आस पास ध्यान से देखा या सुना है कि नहाते समय बुजुर्ग को लकवा लग गया?* *दिमाग की नस फट गई ( ब्रेन हेमरेज), हार्ट अटैक आ गया |* *छोटे बच्चे को नहलाते समय वो बहुत कांपता रहता है, डरता है और माता समझती है की नहाने से डर रहा है,* *लेकिन ऐसा नहीँ है; असल मे ये सब गलत तरीके से नहाने से होता है ।* *दरअसल हमारे शरीर में गुप्त विद्युत् शक्ति रुधिर (खून) के निरंतर प्रवाह के कारण पैदा होते रहती है, जिसकी स्वास्थ्यवर्धक प्राकृतिक दिशा ऊपर से आरम्भ होकर नीचे पैरो की तरफ आती है।* *सर में बहुत महीन रक्त् नालिकाये होती है जो दिमाग को रक्त पहुँचाती है।* *यदि कोई व्यक्ति निरंतर सीधे सर में ठंडा पानी डालकर नहाता है तो ये नलिकाएं सिकुड़ने या रक्त के थक्के जमने लग जाते हैं* *और जब शरीर इनको सहन नहीं कर पाता तो ऊपर लिखी घटनाएं वर्षो बीतने के बाद बुजुर्गो के साथ ह

🌺☘हल्दी के पानी पीने का सही तरीका और उससे होने वाले जबरदस्त लाभ🌺☘

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🌺☘हल्दी के पानी पीने का सही तरीका और उससे होने वाले जबरदस्त लाभ🌺☘ ➖➖➖➖➖➖➖➖ ☘सामग्री :- ➖ 1/2 – नींबू ➖ 1/4 – टी स्‍पून हल्‍दी ➖ 1 गिलास – गर्म पानी ➖थोड़ी सी काकवी या (खड़ी शक्कर/खांड) 🅰 हल्‍दी वाला पानी बनाने की विधि :- 💲एक गिलास में आधा नींबू निचोड़ कर उसमें हल्‍दी और गर्म पानी मिलाकर अच्‍छे से मिक्‍स कर लें। फिर उसमें स्‍वादानुसार काकवी या खडी शक्कर मिलाएं। ♓हल्‍दी कुछ समय बाद नीचे बैठ जाती है, इसलिए पीने से पहले इसे अच्‍छे से हिलाकर पीयें। ♈हल्‍दी वाले पानी के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ ➖➖➖➖➖➖➖➖ ♊एंटी-कैंसर गुणों से भरपूर :- ☘हल्‍दी में करक्‍यूमिन नामक केमिकल की मौजूदगी इसे एक ताकतवर एंटीऑक्‍सीडेंट बनाता है। जो कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं से लड़ती है। ♑पाचन दुरुस्‍त रखें :- 🌺कई शोधों से यह बात साबित हुई है कि नियमित रूप से हल्‍दी का सेवन करने से पित्‍त ज्‍यादा बनता है, जिससे आपका आहार आसानी से हजम हो जाता है और आहार के अच्‍छे से हजम होने से आप पेट संबंधी बीमारियों से बचे रहते हैं। इसलिए अगर आप अपने पाचन को दुरुस्‍त रखना चाहते हैं तो आज से ही अपनी दिनचर्या म

Gargle (गरारा) करने केे लाभ

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गार्गल Gargle  :- क्या आप गार्गल शब्द के बारे में जानते हैं। आईये जानते हैं इसका मतलब और इससे जुड़े स्वास्थ्य के फायदे। हम सभी ने इस शब्द को कभी ना कभी सुना होगा पर कई लोग गार्गल (गरारा) का मतलब नहीं जानते हैं | Gargle (कुल्ला) के अर्थ  गरारा कुल्ला करना गलगला करना ग़रारे करना गराटा गला साफ़ करना कुल्ली गलगला Gargle Health Benefits / गरारे करने के फायदे:- अगर आपके गले में खराश है तो रोजाना नमक पानी के घोल से गरारा करे, इससे आपके गले को आराम मिलेगा। सभी को gargle प्रतिदिन करना चाहिए, इससे हमारे मुह में होने वाले बैक्टिरिया(इन्फेक्शन) से सुरक्षित रखता है एवं ताज़गी का अनुभव करता है | रोजाना गरारे करने से परिसंचरण उत्तेजित होते है और स्वास्थ अच्छा रहता है | अक्सर मुह में बैक्टीरिया के प्रभाव से मसुडो में सुजन आने का शिकायत रहती है | अगर हम रोजाना नमक के पानी से gargle (गरारा) करे तो इस समस्या से बचे रहेंगे | यदि आपके दांतो में दर्द रहने की शिकायत है तो रोजाना नमक पानी से कुल्ला करे इससे दांत स्वस्थ रहेंगे। रोजाना gargle (गरारा) करने से हुुमेंं

मोटापा कम करने के अचूक उपाय:--

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मोटापा कम करने के उपाय:-- 1.25ग्राम नींबू के रस में 25ग्राम शहद और 100ग्राम गर्म पानी मिला कर प्रतिदिन पीने से मोटापा कम होने लगता है। 2.पालक के 25 ग्राम रस में गाजर का 50 ग्राम रस मिलाकर पीने से कुछ ही दिनों में चर्बी घटने से मोटापा नष्ट होता है । 3.गर्म जल के सेवन से मोटापा नष्ट होता है। 4.त्रिफला का चूर्ण 15 ग्राम रात को थोड़े गर्म में डालकर रखें।सुबह उसको छानकर शहद मिलाकर सेवन करें । कुछ दिनों बाद मोटापा नष्ट होने लगेगा। 5.नींबू के 25 ग्राम रस में करेले का रस 15 ग्राम मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा कम होने लगता है।       मोटापा निवारण के लिए भरपूर लाभ उठाने के लिए स्त्री-पुरुषों को भ्रमण व व्यायाम करना भी आवश्य क होता है । आर.पी.वर्मा महिलाओं के लिए चमत्कारी नाश्ता जो "मोटापा"बढ़ाए भी और "घटाये" भी:-- मोटापा या वजन बढ़ाना:--छिलका सहित उत्तम सेव(एप्पल)और गाजरे लेकर, दोनों को बराबर वजन, अलग अलग कद्दूकस कर लें।इन लच्छों को  दोपहर भोजन के बाद खाना चाहिए। यदि आपका वजन गिर रहा हो या आपको कमजोरी का अनुभव हो रहा हो तो इससे लाभ होता है। मोटा

रूखी त्‍वचा के लिए घरेलू नुस्‍खे ड्राई स्किन के लिए घरेलू उपचार -

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रूखी त्‍वचा के लिए घरेलू नुस्‍खे ड्राई स्किन के लिए घरेलू उपचार - रूखी त्वचा को आकर्षक बनाने के लिए आधा कप ठंडे दूध में जैतून का तेल की कुछ बूंदें डालिए, उसके बाद इन दोनों को एक बोतल में डालकर डालकर हिलाए, रूई के फाहे का प्रयोग करके चेहरे पर लगाइए। इससे त्वचा में निखार आएगा। शीशम का तेल या सूरजमुखी के तेल को दूध में मिलाकर लगाने रूखी त्वचा की खोई हुई रंगत लौट आती है। बादाम का तेल और शहद बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर नाखूनों और क्यूटिकल्स में लगाकर मसाज करें। 15 मिनट बाद बाद गीले तौलिए से पोंछ लीजिए, रूखी त्वचा में निखार आएगा। तीन टेबल स्पून गुलाबजल में एक टेबल स्पून ग्लिसरीन मिलाकर हाथों और पैरों की त्वचा पर लगाएं और आधे घंटे बाद सादे पानी से धो लीजिए, रूखी त्वचा चिकनी और साफ हो जाएगी। आधा चम्मच शहद में एक चम्मच गुलाबजल और एक टी स्पून मिल्क पाउडर डालकर पेस्ट बनाएं। इसे चेहरे और गर्दन पर लगाएं। बीस मिनट बाद पानी से धो लें। रूखी त्वचा के लिए अंडे भी बहुत फायदेमंद हैं। अंडे का पीला हिस्सा लगाने से चेहरे की शुष्कता समाप्त होती है। अगर आपकी ज्यदा रूखी है और उसमें जलन

जोडों और घुटनों के दर्द का इलाज

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जोडों और घुटनों के दर्द का इलाज 1. एक महीने तक लगातार रात को 15 से 20 गिरी अखरोट की भिगो कर सुबह खाली पेट खाने से घुटनो के दर्द में आराम मिलता है। दो महीने लगातार इस उपाय को करने से गठिया का रोग जड़ से ठीक हो जाता है। ☘☘☘☘☘☘☘☘☘ 2. दस कलियां लहसुन की 100 ग्राम पानी या दूध में मिला कर पीने से दर्द में जल्दी आराम मिलता है। ☘☘☘☘☘☘☘☘☘ 3. बथुआ के ताज़ा पत्तों का रस आधा कप सुबह शाम खाली पेट पीने से गठिया ठीक हो जाता है। इसके सेवन के 2 घंटे बाद तक कुछ भी खाये पिये नहीं। ☘☘☘☘☘☘☘☘☘ 4. गठिया के उपचार में जामुन काफी उपयोगी है। जामुन के पेड़ छाल को खूब उबाल कर इसका लेप घुटनों पर लगाने से गठिया में राहत मिलती है। ☘☘☘☘☘☘☘☘☘ 5. अमरूद की 4 से 5 नई कोमल पत्तियों को पीस ले और उसमें थोड़ा काला नमक मिला कर खाने से जोड़ो के दर्द में राहत मिलती है। ☘☘☘☘☘☘☘☘☘ 6. गठिया के मरीज को 4 से 6 लीटर पानी हर रोज पीना चाहिये। इससे पेशाब अधिक आएगा और uric acid बाहर निकलेगा। ☘☘☘☘☘☘☘☘☘ 7. एक चम्मच सरसों के तेल में 3 से 4 कलियाँ लहसुन की पीस कर डाले और लहसुन के ठीक से पकने तक गरम करे। इस तेल से जोड़ो की माल

BREATH AND DISEASE सांस और रोग

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जब किसी चलती हुई फिल्म  की  गति धीमी होती है तो हम हरेक चित्र को अलग अलग से देख पाते है  । उसका जो भी  भाग जोड़ना  वा काटना हो उसे सहज ही काट वा जोड़ सकते है । -क्रिकेट के खेल मे किसी बाल  के फेकने पर कोई झगडा  खड़ा  हो जाये तो उसे धीमी गति मे देखते है जिस से सही पता  लग जाता है कि बाल  गलत है या  नहीं । -ऐसे ही सांस की  गति धीमी होती है तो हम जीवन के  हरेक पहलू  को स्पष्टता  से देख पाते है । धीरे धीरे सांस लेने से हमारी आन्तरिक बुद्वि  को बल मिलता है जिस से जीवन के कठिन पलों मे हम सही निर्णय ले सकते है । -धीरे धीरे और लम्बी सांस लेने से आक्सीजन तथा  जीवनी विद्युत शरीर की हरेक कोशिका को  पहुंचती है जिस से सभी कोशिकाये शक्ति संपन्न बनती है और मनुष्य नीरोगी और उत्साही बनता है । सांस लेते समय  मन मे खुशी का भाव या कोई और सकारात्मक संकल्प रखना चाहिये,    इस से हम तनाव मुक्त रहेंगे । तथा  हरेक रोग  हमेशा  के लिये ठीक हो जायेगा । क्योंकि वास्तव  मे संकल्प ही वह  शक्ति है जिस से शरीर प्रभावित होता है । -गहरी सांस लेने से पेट, लीवर तथा  हृदय की मालिश होती रहती है ।  -धीरे धीरे

डेंगू , चिकनगुनिया , वायरल बुखार की दवा 

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डेंगू , चिकनगुनिया , वायरल बुखार की दवा ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: योग  -   मोती पिस्टी - 2.5 gm    ताम्र भस्म -  2.5 gm च्यवनप्राश  - 250 gm --------------------------------------------- निर्माण विधि - तीनो को आपस मॅं मिला के 30 खुराक बना ले एक खुराक रोज़ सेवन करने से बुखार नही आयेगा --------------------------------------------- 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

त्रिफला रस के फायदे एव उपयोग इन हिंदी

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त्रिफला रस  त्रिफला रस त्रिफला रस आयुर्वेद का वरदान है त्रिफला रस का प्रयोग आयुर्वेदचार्य सेकड़ो वर्षो से सभी प्रकार की बीमारियों को ठीक करने में प्रयोग करते आ रहे है इसमें आयुर्वेद की मतानुसार वात ,पित और कफ तीन दोष माने गये है त्रिफला हरंड, बहेडा और आवला से मिलकर बनता है और उक्त त्रिदोषो को दूर करता है इसके विस्तृत लाभ निम्न है :- •    त्रिफला रस के सेवन से गैस,कब्ज ,एसिडिटी आदि की समस्या दूर होती है तथा पाचन तंत्र  मजबूत होता है •    यह लीवर की सभी समस्याओ को दूर कर लीवर को शक्ति प्रदान करता है •    यह ब्लड प्रेसर  को नियंत्रित करता है •    यह केलोस्ट्रोल को संतुलित करता है •    यह ह्रदय को शक्ति प्रदान कर ह्रदय गति को सामान्य करता है •    त्रिफला रस का सेवन लाल रुधिर काडिकाओ के निर्माण को बढाता है •    त्रिफला रस हमारे शरीर की प्रतिरोधक छमता बढाता है •    यह शरीर में इन्फेक्शन को रोकता है तथा सर्दी ,खासी ,कफ तथा एलर्जी  में अत्यंत लाभ करी है •    यह सीने एवं फेफड़ो  में जमे हुए  कफ  को पिघलाकर बाहर निकालने में सहायक है •    यह मस्तिष्क को शक्ति प्रदान कर एकाग्रता  को

मधुमेह( suger ) का तोड़ इलाज

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मधुमेह(suger ) का तोड़ ///* तीन दिन में समाप्त /// *तीन भिन्डी लेकर उनके दोनों  सिरे काट दें ,हर भिन्डी के बीच  मे चाकू से चीरा लगा दें, ताकि उसके अन्दर की जो  लीस होती है वह बाहर निकलना  शुरू हो जाये,अब भिन्डियों को  सारी रात एक गिलास पानी मे  भिगोकर छोड दें,सुबह नाश्ता  करने के एक घंटे बाद भिन्डियाँ  गिलास से निकाल लें पानी हिलाये  बगैर उस पानी को पी लें, इसके  एक घंटे बाद अपनी सुगर चेक  करें,जिनको ३०० से ऊपर सुगर  रहती है वह इस पानी को तीन  दिन तक पियें तो आप देखेंगे  कि मधुमेह १५० से भी कम हो  गया है,* *इस को साधारण समझकर  न छोडें बहुत ही अदभुद उपाय है !* इसके बारे मे दूसरों को भी बतायें,